Manish Kasyap- Son Of Bihar
Manish Kasyap- Son Of Bihar नया बिहार का उम्मीद
Manish Kasyap – वैचारिक मतभेद हैं उनके धुर दक्षिणपंथी विचारधारा से मैं सहमत न हूँ , लेकिन बिहार जैसे राज्य में सीना तान के सिस्टम से सवाल करने के उनके अंदाज का कायल मैं भी हूं।
मुझे मनीष कश्यप या फिर किसी को भी कोख में या जाति चुनने का अधिकार किसी को नहीं मिला था , कोई भी जाति या धर्म चुनकर जन्म नहीं लेता हैं। किसी खास जातियों या धर्म से होना ही किसी का गुनाहों नहीं हो जाता हैं।
आज एक राजपूतों माता और यादव पिता के निर्दोष मासूम पुत्र आयांश के मदद करने के आवज में कुछ जातिवादी कीड़े मनीष कश्यप को उनके माता-पिता को और उनकी जाति को गालियां दे रहा हैं। मनीष कश्यप चंपारण के एक बाढ़ प्रभावित गांव महानवा के रहने वाले हैं।
मनीष के दादा जी भारत-चीन युद्ध में भाग लेने वाले फौजी थे , मनीष के पिता जी भी फौज में हैं।
मनीष जब भ्रस्ट सिस्टम से लड़ते हैं तो वो किसी एक जाति विशेष के लिए न होता हैं वो बिहार के आम आवाम के लिए होता हैं। मनीष आज बिहार के बेसहारा मजलूमों का आवाज बन चुके हैं। मैन स्ट्रीम मीडिया के कैमरा का चमक और नेता जी का फार्च्यूनर जहां तक नहीं पहुंच पाता हैं उनलोगों का आवाज और सहारा हैं मनीष।
मैंने भी सुना है (चुना नहीं है) की मैं भूमिहार हूं और मनीष भी उसी भूमिहार समुदाय से आते हैं , आज चंद जातिवादी कीड़े मनीष को भूमिहार होने के वजह से गालियां दे रहे हैं , उनलोगों से मैं निवेदनपूर्वक कहना चाहता हूं कि मनीष का वैचारिक विरोध कीजिये कोई समस्या नहीं हैं लेकिन अगर आप मनीष का भूमिहार होने के वजह से विरोध करेंगे तो उनलोगों से डंके की चोट पे मैं और मेरा समाज कह देना चाहता हैं कि जब तक आप हमारे जाति – धर्म के अस्मिता का सम्मान करेंगे तभी तक आप सम्मान के हकदार बने रहेंगे यदि आपने हमारी निजता में हस्तक्षेप किया तो ये समाज आपको करारा जवाब देगा चाहे आप कोई भी हो ।
मैं जातिवादी नहीं हूं लेकिन जाति इस देश का सच्चाई हैं इसे कोई नकार नहीं सकता , जाति व्यवस्था दरकने के बजाय सिस्टम के भी दोष के कारण मजबूत ही होते जा रहा हैं , अगर कभी जाति व्यवस्था के टूटने का आसार दिखा तो आप हमें जाति तोड़ने वालों के अगली पंक्ति में पाएंगे लेकिन जब तक जाति व्यवस्था हैं तब तक सबको एक दूसरे की जातिय अस्मिता का सम्मान करना चाहिए।
मनीष से वैचारिक सवाल कीजिये वैचारिक विरोध कीजिये लेकिन अगर आप मनीष का भूमिहार होने के वजह से विरोध कीजियेगा , उनकी माँ बहन को गालियां दीजियेगा तो फिर हम समझेंगे की आप मनीष के ही नहीं बल्कि हम सभी के माँ बहन को गालियां दे रहे हैं और फिर करारा जवाब मिलेगा आपको।
मनीष आपके हमारे हम सबके लिए भ्रस्ट सिस्टम से लड़ रहे हैं उनको लड़ने दीजिये तभी एक सुंदर बिहार का निर्माण होगा , अपने कुंठित झूठे जातिवादी दम्भ गुमान के कारण मनीष को जाति के दलदल में मत घसिटिये।
जय हिंद
जय बिहार