तालिबान की आबादी कितनी है 2022 – Taliban Ki Kitni Jansankhya Hai
हेल्लो दोस्त जैसे कि आप जानते हैं कि बीस साल के बाद फिर से तालिबानियों का कब्जा हो गया है अफगानिस्तान में
अफगानिस्तान के एक चौथे सबसे बड़ा शहर है जहा मजार-ए-शरीफ पर भी शनिवार को चौतरफा हमलों के बाद तालिबान का कब्जा हो गया था. यहां की जनसंख्या 500,207 है. और जानिए अफगानिस्तान की आबादी, गरीबी, मृत्यु दर, सभी राज्यों के नाम अफगानिस्तान एक गरीब देश भी है
आज यहां हम आपको अफगानिस्तान के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य बता रहे हैं.
यहां की बीस साल लंबी लड़ाई होने के बाद जब अमेरिका के सेना अफगानिस्तान से निकलते ही कुछ ही दिनों के भीतर लगभग पूरे देश पर फिर से तालिबान का कब्जा कर लिया।
जैसे कि जानते हैं काबुल: अफगानिस्तान एशिया का एक देश है, जहां पर अब तालिबान का कब्जा हो चुकी है. 20 साल की लंबी लड़ाई के बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान लड़ाकों की दस्तक के बाद 15 अगस्त को राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ कर भाग गया ।
चलिए आज यहां हम आपको अफगानिस्तान के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य बता रहे हैं ।
पुरे विश्व में अफगानिस्तान का नाम लेते ही अक्सर व्यक्ति को तालिबान के बहुत बड़े आतंक की याद आ जाती है. क्योंकि यहां शुरू से ही तालिबान का आतंकवाद रहा है. अफगानिस्तान की सीमाएं से जुड़े हुए पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज़्बेकिस्तान और तजाकिस्तान से लगती हैं.
अफगानिस्तान की आबादी कितनी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) की 2011मे अफ़गानों की कुल संख्या लगभग 26.5 मिलियन यानी कि 2.7 करोड़ थी. 2017 तक यह 29.1 मिलियन यानी कि 2.93 करोड़ तक पहुंच गई थी और इनमें से कम से कम 15 मिलियन (1.5 करोड़) पुरुष हैं और 14.2 मिलियन (1.42 करोड़) महिलाएं हैं. इनमें से 3 मिलियन यानी कि 30 लाख लोग अफगान नागरिक शरणार्थियों के रूप में भी रहते हैं।
लेकिन ये लोग पाकिस्तान और ईरान के हैं. यहां की 99 फीसदी आबादी मुस्लिमो है. सिर्फ एक फीसदी में ही हिंदू, यहूदी और क्रिश्चन रहते हैं। यहां की 22 फीसदी आबादी शहरी है और बाकी बची हुई 78 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में आती है।
2050 साल के बाद देश की आबादी 83 मिलियन तक यानी कि 9.2 करोड़ पहुंचने की उम्मीद है. देश की मातृ मृत्यु दर 397 मृत्यु / 100,000 बच्चे जन्म भी लेते है और इसकी शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 जन्म पर 53.2 है ।
अफगानिस्तान में गरीबी का स्तर
एक गरीब देश है.अफगानिस्तान यहां भ्रष्टाचार, और गरीब हिंसा काफी ही ज्यादा है । लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2007 में यहां गरीबी का स्तर 34 फीसदी थी, जो कि 2017 में बढ़कर 54.4 फीसदी हो गया
अनुमान लगाया जा रहा है कि 6 से 14 साल की कम उम्रदराज वाला हर चार में से एक अफ़ग़ान बच्चा-बच्चा अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए मजदूरी करते है. यहां की बच्चे ऐसे कई तरह का काम करते हैं जो बच्चों के लिए किसी तरह से भी सुरक्षित नहीं माने जा सकते हैं ।
अफगानिस्तान में कितने राज्य हैं?
अफगानिस्तान में कुल 29 राज्य है. काबुल देश की राजधानी भी है और एक राज्य भी है. सभी राज्यों के नाम इस प्रकार है- (जैसे कि) बदख्शां, बाद्घिस, बाग़लन, बल्ख, बामयान, फराह, फरयाब, ग़ज़नी, घोर, लघमन, लोगर, नांगरहार, निम्रोज़, पक्तिका, पक्तया, परवान, समांगन, ताखर, हिलमांड, हिरात, जवजजन, काबुल, कंदहार, कपीसा, कुंअर, कुंदूज़, उरूज़गन, वरदक और जाबुल है ।
और अफगानिस्तान के 12 प्रमुख ऐसी नगरों के नाम इस प्रकार है- तालोकां, पुली खुमरी, जलालाबाद, चरीकार,काबुल, कंधार, हरात, मजार शरीफ, कुंदोज, शेबेरघन, गजनी और सरेपोल है।
अफगानिस्तान की मुख्य दो आधिकारिक भाषाएं धारी और पश्तो है. दारी भाषा को यहां की 77 फीसदी जनसंख्या व्यक्ति ने बोलती है. अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल बहुत कम बोली जाती है ।
यहां की मुद्रा का नाम अफ़गानी है, अफ़ग़ान नहीं. यहां के व्यक्ति को अफगान कहा जाता है.
अफगानिस्तान में कितने जिले हैं
कुल जिले 325 है, विल्सवालिस (जिलों), अलकादरी (उप-जिलों), और मार्काज़-ए-वुलियत (प्रांतीय केंद्र जिलों) को मान्यता दी गई है। और आगामी वर्षों में अतिरिक्त जिलों को विभाजनकारी के माध्यमों से जोड़ा गया है, और कुछ विलय के माध्यमों से समाप्त हो गए हैं। जून 2005 में, अफ़ग़ानिस्तान सरकार ने 398 जिलों का नक्शा जारी किए थी ।
भारत से कब अलग हुआ था अफगानिस्तान
भारत का ही हिस्सा था। अंग्रेजों के आक्रमण के समय अंग्रेजों ने अफ़ग़ानिस्तान को अपने नियंत्रण में रखा और भारत से ही इस पर शासन चलना चालु कर दिया था लेकिन वर्ष 1893 में सर मॉर्टीमर डूरंड ने भारत और अफगानिस्तान के बीच रेखा खींची जो कि डूरंड रेखा कहलाई।
अफगानिस्तान न केवल कभी हिंदू राष्ट्र था बल्कि यह भारत का ही हिस्सा था।
अफगानिस्तान में तालिबान क्या है ।
जैसे कि तालिबान के बारे में हम जानते है कि वह लंबे समय से अफीम, हेरोइन जैसी नशीली दवाओं का अवैध कारोबारियों करता है. और मालूम हो कि अफ़ग़ानिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा अफ़ीम और हेरोइन उत्पादक भी है. हेरोइन, अफ़ीम से तैयार होता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान से हर साल 1.5 से तीन अरब डॉलर का अफ़ीम दूसरे देशों में भेजा जाता है.